दोस्तों हम देशभक्ति का जज्बा दिल में लिए जीते है और देश के लिए अपने वतन के लिए मन में श्रद्धा का भाव रखते है, और इसी कड़ी में हम आज लाए है 26 जनवरी भाषण (26 january bhashan) जो इस बार आप मंच पर जब बोलेंगे तो सब देखते रह जाएंगे क्योकि ये भाषण सिर्फ बोलने के लिए नहीं बल्कि, दिलो तक पहुँचने के लिए है, इस भाषण से आप सीधे लोगो के दिलो में जगह बनाने वाले है, तो चलिए आगे बढ़ते है और भाषण सीखते है.
26 january per bhashan
आदरणीय अध्यापकगण एवं समस्त अतिथि एवं साथियो आप सभी को आज के इस दिन की बधाई देता हूँ, और माँ भारती के चरणों में नमन करते हुए दिल के भाव आपके सामने रखता हूँ की,
गुलशन को फूलों से महकाया जाता हैं
अक्सर गुलो से दिल बहलाया जाता हैं
लेकिन जब पड़ती है देश को जरुरत तो
सीमा पर बेटो को बुलाया जाता हैं
उन्ही
बेटो और देशभक्तों के खून से रंगी हुई
इतिहास की वो तस्वीर दिखाने आया हूँ
सोयी हुई नौजवानी को ललकारने और
शहीदों की फिर से याद दिलाने आया हूँ
मैं नहीं कहता के जाओ तुम जाकर लड़ आओ
ये भी नहीं कहता घर छोड़ सरहद पर बस जाओ
लेकिन कैसे ये बर्दाश्त कर लूं की तुम भूल जाओ
कहना इतना तुमसे की शहीदों को मत बिसराओ
ये आजाद वतन की हवा उनके दम से हैं, ये चमन ये अमन और ये गगन उनसे हैं, उनके दम से ही तो सांस हमारी चलती है और उनके दम से ही शान भारत की बनती है, तो कैसे भुला सकते है हम उन देश के वीरो को, हमारे हीरो को, वो थे तो हम हैं, वरना गुलामी में जीते जी मर जाते.
शब्दों में भावनाए बह रही है मगर क्या करू,
अहसानो को जिनके उतारा न जाएगा
तुम ही कहो क्या उनको भुलाया जाएगा
जब जब भी होगा जिक्र मेरे वतन का
तब चरणों में शीश उनके झुकाया जाएगा
जय हिन्द, वन्दे मातरम, भारत माता की जय.