समारोह की शुरुआत
मंच पर गर्व से चलते हुए, हाथ जोड़कर प्रणाम करते हुए
दोस्तों, आज मैं लेकर आया हूँ आपके लिए नामकरण संस्कार (Naming Ceremony) के लिए एंकरिंग स्क्रिप्ट, जो आप आए हुए नए मेहमां के नाम सेरेमनी में इस स्क्रिप्ट को अंजाम दे सकते हैं.
सभी आदरणीय अतिथिगण, प्यारे परिवारजन, और प्रिय मित्रों! आज का यह पावन दिन हमारे छोटे से फूल के जीवन का पहला महत्वपूर्ण संस्कार है, नामकरण।
यह वह पल है जब हम सभी उसकी मुस्कान, उसकी किलकारी, और उसके भविष्य के सपनों को एक नाम देने के लिए एकत्र हुए हैं। आप सभी के स्नेह और आशीर्वाद ने इस उत्सव को और भी खास बना दिया है।
सबसे पहले, मैं आप सभी का हृदय से स्वागत करता हूँ। आपने अपनी व्यस्तता में से समय निकालकर इस नन्हीं जान के साथ अपना प्यार बाँटने आए हैं, यह हमारे लिए अमूल्य है।
सरस्वती वंदना
हमारे शास्त्र कहते हैं ‘विद्या ददाति विनयम्’, ज्ञान विनम्रता प्रदान करता है। इसलिए, इस शुभ कार्य की शुरुआत माँ सरस्वती की वंदना से करते हैं। आइए, सभी खड़े होकर उनकी कृपा का आह्वान करें।
सरस्वती वंदना का गायन या ऑडियो चलाया जाए
दीप प्रज्ज्वलन
अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है यह दीप। मैं आदरणीय [मुख्य अतिथि/दादा-दादी का नाम] से निवेदन करूँगा कि वे इस दीप को प्रज्ज्वलित कर हमारे उत्सव को आगे बढ़ाएँ।
दीप जलते ही मंगलधुन बजे और सभी तालियों से स्वागत करें।
मुख्य अतिथियों का सम्मान
हमारे बीच आज कुछ विशेष हस्तियाँ उपस्थित हैं, जिनका अनुभव और आशीर्वाद बच्चे के जीवन को संवारेगा। मैं (अतिथि का नाम) जी और (अतिथि का नाम) जी से विनम्र निवेदन करता हूँ कि वे मंच पर पधारें।
शॉल, फूलमाला, या स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया जाए। अतिथि संक्षिप्त आशीर्वाद दें।
नामकरण की घोषणा
अब वह पल आ गया है जिसका हम सभी को इंतजार है! (माता-पिता का नाम) जी, कृपया मंच पर आएं और अपने नन्हें सपूत/सुपुत्री का नाम हमारे सामने प्रकट करें।
(माता-पिता नाम लिखे हुए पत्र या चावल से भरी थाली से नाम का खुलासा करें।)
और इस नन्हें कोहिनूर का नाम है—(बच्चे का नाम)! यह नाम सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि माता-पिता के सपनों, दादा-दादी की आशाओं, और परिवार की विरासत का प्रतीक है। आइए, तालियों की गड़गड़ाहट से इस नाम को स्वर्ग तक पहुँचाएँ!
(खुशनुमा संगीत और तालियों के साथ जश्न मनाया जाए।)
पारिवारिक आशीर्वाद
अब हमारे बुजुर्ग इस नन्हें बच्चे को अपना आशीर्वाद देंगे। आपके शब्द उसके जीवन की मजबूत नींव बनेंगे।
(बुजुर्ग बच्चे को गोद में लेकर आशीर्वाद दें)
माता-पिता का संबोधन
(माता-पिता का नाम) जी, कृपया इस पल को और यादगार बनाते हुए अपने मन की बात साझा करें।
(माता-पिता भावुक संदेश दे सकते हैं, जैसे, “यह नाम हमने दादी जी की याद में चुना है…”)
समापन एवं आभार
हर उत्सव का अंत मीठे स्वाद के साथ होता है। इसलिए, हमने आप सभी के लिए स्वादिष्ट भोजन और मिठाइयों का प्रबंध किया है। आइए, साथ बैठकर इस प्यार को बाँटें।
आखिरी बार, आप सभी का धन्यवाद कि आपने बच्चे के जीवन के इस पहले पड़ाव को अपने प्यार से सजाया। कृपया उसकी हर सांस पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें।