देश भक्ति बाल कविता | deshbhakti kavita in hindi | hindi kavita on desh bhakti

स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पे बोलने के लिए देशभक्ति (deshbhakti)शायरी और कविता की जरूरत होती है, और वो कविता अगर नई हो तो फिर बात ही क्या है, तो इस बात को ध्यान में रखते हुए, हम आपके लिए लेकर आए है बिलकुल नई कविता जो आप स्कूल में या मंच सञ्चालन के किसी भी अवसर पर बोल सकते है.

इस कविता को आप अपने अंदाज में बोले या अगर आप जानना चाहते है की हमने इसे किस प्रकार से बोला है तो आप हमारा ये विडियो देखे, और साथ ही अगर आपको अच्चा लगे तो हमारे चैनल को भी सब्स्क्रिबे जरुर करे ताकि आपको ऐसे ही विडियो मिलते रहे.

देशभक्ति कविता

याद करो वो भारत अपना, सबकी आँख का था सपना
वेद पुराण गीता की गाथा, घर घर में माला जपना
याद करो वो भारत अपना

भूल नहीं सकते हम ऐसे, शहीदों के बलिदानों को
हँसते हँसते फांसी पे झूले, ऐसे उन मस्तानो को
पन्ना की कुर्बानी देखो, भामाशाह से दानी को
झांसी वाली रानी देखो, राणा शिवा स्वाभिमानी को
हनुमान सा भक्त कहाँ अब, कहा सुदामा और कृष्णा
याद करो वो भारत अपना

नादिर तैमुर और हलाकू, सबको मार भगाया था
भारत ही सरताज है सबका, जग को हमने बताया था
खौल रहा था खून रगों में, रणभूमि में बहाया था
मत भूलो जौहर को बहनों, ने भी प्राण गंवाया था
स्वामी भक्त चेतक का सानी, नहीं दुबारा है मिलना
याद करो वो भारत अपना

गीतकार – हितेश चौधरी

Hi, I'm Hitesh Choudhary (Lyricist), founder of Speech Bhashan. A blog that provides authentic information, tips & education regarding manch sanchalan, anchoring, speech & public speaking.

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