Last updated on July 19th, 2024 at 12:23 am
नमस्ते आज हम यहाँ पवित्र दिन को मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं, जिसे हम सभी “गुरु पूर्णिमा” के नाम से जानते हैं। यह दिन विशेष रूप से हमारे गुरुओं को समर्पित है, जिन्होंने हमें ज्ञान का प्रकाश दिखाया और हमारे जीवन को सही दिशा दी। गुरु पूर्णिमा का महत्व हमारे संस्कृति और परंपराओं में अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
भारत की प्राचीन संस्कृति में गुरु का स्थान सर्वोपरि माना गया है। हमारे शास्त्रों में कहा गया है, “गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरु साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः॥” अर्थात, गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश्वर के समान माना गया है। गुरु ही हमें जीवन का सही मार्ग दिखाते हैं और अज्ञान के अंधकार से निकालकर ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं।
गुरु पूर्णिमा का इतिहास बहुत प्राचीन है। यह पर्व महर्षि वेदव्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने चारों वेदों का संकलन किया था। उन्होंने महाभारत जैसे महाकाव्य की रचना भी की। उनके योगदान के कारण उन्हें ‘अद्वितीय गुरु’ माना जाता है। इस दिन उनके सम्मान में हम अपने गुरुओं का आभार व्यक्त करते हैं।
गुरु पूर्णिमा का महत्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और व्यक्तिगत विकास के दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह दिन हमें अपने गुरुओं के प्रति कृतज्ञता और सम्मान व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है। यह हमें यह याद दिलाता है कि हमारे जीवन में गुरु का योगदान कितना महत्वपूर्ण है।
हमारी संस्कृति में गुरु-शिष्य परंपरा का विशेष महत्व रहा है। यह परंपरा सिर्फ शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि जीवन के हर पहलू में गुरु का मार्गदर्शन हमें प्राप्त होता है। एक सच्चे गुरु का उद्देश्य केवल किताबों का ज्ञान देना नहीं होता, बल्कि अपने शिष्य को जीवन जीने की कला सिखाना होता है।
गुरु पूर्णिमा के दिन लोग अपने गुरुओं के पास जाकर उनका आशीर्वाद लेते हैं। कई स्थानों पर विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है। विद्यार्थियों द्वारा अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन को साधु-संत और योगी भी विशेष ध्यान और साधना के साथ मनाते हैं।
आज के आधुनिक युग में भी गुरु का महत्व कम नहीं हुआ है। भले ही तकनीकी विकास ने शिक्षा के तरीकों को बदल दिया हो, लेकिन गुरु का मार्गदर्शन और शिक्षा का महत्व हमेशा बना रहेगा। इंटरनेट और किताबें हमें जानकारी दे सकते हैं, लेकिन सच्ची शिक्षा और जीवन के मूल्यों का पाठ हमें केवल एक सच्चे गुरु ही सिखा सकते हैं।
गुरु पूर्णिमा हमें यह याद दिलाती है कि हमारे जीवन में गुरु का स्थान कितना महत्वपूर्ण है। यह दिन हमें अपने गुरुओं के प्रति कृतज्ञता और सम्मान प्रकट करने का अवसर देता है। हमें अपने गुरुओं का आदर और सम्मान करना चाहिए, क्योंकि वे ही हमें सही मार्ग दिखाते हैं और हमारे जीवन को सार्थक बनाते हैं।
अंत में, मैं सभी विद्यार्थियों से अनुरोध करूंगा कि वे अपने गुरुओं का सम्मान करें और उनसे मिलने वाले ज्ञान का सदुपयोग करें। गुरु का आशीर्वाद हमें हमेशा सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। सभी को गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएँ!
धन्यवाद!