जय श्री कृष्णा राधे राधे दोस्तों, आज आप सोच रहे होंगे की मैंने शुरुआत कुछ अलग अंदाज में की है तो इसके पीछे का कारण है आज का ये लेख जो हम आपके लिए लाए हैं, आज हम आपके लिए लाए है Krishna Quotes in Hindi भगवान श्री कृष्ण की शायरी जो आपको भक्ति भावना के साथ ही प्रेम की ज्योत भी ह्रदय में जला देगी, क्योकि राधे कृष्णा की शायरी आपको जहाँ जीवन में प्रेम का महत्तव बताएगी, वही कृष्णा शायरी (Krishna Shayari) आपको जीवन जीने की कला सिखाएगी.
वक्त और समय कोई भी रहा हो जहाँ कृष्ण जी को हम प्रेम से भरपूर देखते है तो दूसरी और धर्म और न्याय के लिए प्रेरित करने वाले जीवन रूपी सारथि के रूप में भी देखते है, श्री कृष्ण के कई रूप है हमें बस वो रूप चुनना है जिस रूप में हम उन्हें देखना चाहते है, और आप देखेंगे की आपके जीवन का रथ सही दिशा में चलने लगा है, तो आइये श्री कृष्णा शायरी (Shri Krishna Shayari) को पढ़े, उसका मतलब समझे और उसे जीवन में उतारने का प्रयत्न करें.
Lord Krishna Quotes in Hindi
Shri Krishna Bhajan Song Lyrics
इस भजन के रूप को आप अगर महसूस करेंगे तो पाएंगे की कितना प्यारा ये प्रेम का रूप है, जहाँ प्रेम दीवानी राधा रानी कृष्णा जी को व्याकुलता से कुछ कह रही है, आप भी गुनगुनाइए साथ में.
आजा रे आजा मेरे कृष्ण कनैया
आजा रे आजा मेरे कृष्ण कनैया
आजा रे आजा मेरे बंसी बजैया
यमुना तट पे राधा खड़ी है
आस मिलन की तेरी जगी है
वादा मिलन का तू तो निभाजा
कनैया तू आजा
1
मुरली तेरी दीवानी, हमको बना रही है
संदेशा ये प्रेम का, सबको सुना रही है
जग का खेवैया है तू, प्रेम का गीत है
तडपन मन की सुन ले कान्हा, तुम्हे बुला रही है
नैनो की तू प्यास बुझा जा, कनैया तू आजा
2
दिल की लगी पागल, हमको बना ही रही है
हंसती है दुनिया ये, ताने सुना ही रही है
ये सब क्या जाने है तू, जन्मो का मीत है
अंसुवन की धारा ये कान्हा, मन भिगो रही है
आ के कान्हा दरश दिखा जा, कनैया तू आजा
Lyrics: Hitesh Choudhary
भोग लगाओ मोहन प्यारे
अब श्री कृष्ण जी को भोग लगाने के लिए ये अरज भी सुन लो
भोग लगाओ ओ मोहन प्यारे
ओ कान्हा मुरली वाले, मेरी अंखियो के तारे
ओ मेरे राज दुलारे
1
हाल है सुदामा वाला, समझो न मन का हाला
महंगा कहाँ से लाऊँ, रुखा सुखा है निवाला
स्वीकारो कान्हा मेरी, प्रेम की ये थाली
भोग लगाओ….
2
नैनो की भाषा श्याम, समझो हो आप तमाम
भाव से परोसू जो भी, खा लो न हे घनश्याम
स्वीकारो कान्हा मेरी, प्रेम की ये थाली
भोग लगाओ….
3
लल्ला आज जो भी रुखा सुखा है खा लो,
कल से तू भी भूखा और मैं भी भूखीये रबड़ी दूध मलाई, मेवा मिसरी ओ मिठाई
खाओ जी मेरे लल्ला, माखन संग रस मलाई
स्वीकारो कान्हा मेरी, प्रेम की ये थाली
भोग लगाओ….
Lyrics: Hitesh Choudhary
कृष्ण कनैया तुझे आना ही होगा
इस भजन को भजन न कहकर अगर हम गीतासार कहे तो बेहतर होगा क्योकि हमने कोशिश की है सम्पूर्ण गीता को इस गीत में पिरोने की जिसमे हम कितने सफल हो पाए है वो निर्णय आप पर छोड़ते हुए पेश है ये गीत.
कनैया कनैया कनैया कनैया
कृष्ण कनैया तुझे आना ही होगा
वचन गीता का वो निभाना ही होगा
1
अपना करम बस, तुझको है करना
फल की इच्छा ना, मन में तू धरना
फल तुझको देगा, वो मुरली वाला
माखन चोर जो, है नन्द लाला
उसके कहे जो, प्राणी चला है
उसके सर पे न, काल गिरेगा
कृष्ण कनैया…..
2
जब भी हुआ है नाश धरम का
हद से बढा जब, पाप जगत का
उसको मिटाने तू, धरती पे आया
शांति का तूने, परचम लहराया
भाव से जिसने, तुझको भजा है
दुःख तो उसका हरना पड़ेगा
कृष्ण कनैया…..
3
अजर अमर है ये, सबकी आत्मा
जिसमे बसते है, वो परमात्मा
ना है मरती ना, वो मारी जाती
हम है दीपक, आत्मा है बाती
जो जग में तेरे, बनते है अपने
अंत में कोई भी, ना साथ होगा
कृष्ण कनैया…..
4
कौन है अपना कौन है पराया
जाए अकेला तू, अकेला ही आया
मोहमाया में, तू मत पड़ना
गिरधर का ही, सुमिरन करना
वो ही लाएगा, तुझको किनारे
बिच भंवर तू, जब डूबेगा
कृष्ण कनैया…..
5
सागर का पानी, जैसे है उठता
बनता है बादल, बनके बरसता
पानी फिर वो, नदी से होकर
मिला अंत में, सागर से जाकर
वैसे ही है ये, आत्मा का चक्कर
जहां से आई वहां, जाना पड़ेगा
कृष्ण कनैया…..
6
ज्ञान है गीता का, इतना ये पावन
जिसको सुनाते है, नाथ त्रिभुवन
ऊँचा सबसे ही, है इसका नाम
जय गीता जय, जय घनश्याम
करता है जो नित, गीता का श्रवण
मोक्ष उसको तो, पाना ही होगा
कृष्ण कनैया…..
7
पावन तन ये जो, तूने दिया है
उपकार हमपे ये, तूने किया है
अंग मनोहर, श्याम ये दिना
आत्मा है उसमे, सुंदर नगीना
इन्द्रिया वश, कैसे हम करेंगे
ज्ञान हमें भी, सिखाना पड़ेगा
कृष्ण कनैया…..
8
आदि तू और, अंत भी तू है
तू अजन्मा और, रूप भी तू है
हे परम सिद्ध, कल्याणकारी
सारे जग के हो, तुम हितकारी
तूने कहा जो वो, गीता ज्ञान है
हमको भी पार लगाना पड़ेगा
9
ज्ञानो के ज्ञान का, ये भण्डार है
वेद ग्रंथो का ये, परम सार है
गाए जो गीता ये, नित्य प्रेम से
रहते है नटवर, वहां चैन से
चारो धाम और, ये तीरथ है
मन को इसमें, रमाना पड़ेगा
कृष्ण कनैया…..
10
लोहा छुए तो वो, सोना हो जाए
छू ले कंकर जो, हिरा हो जाए
ज्ञान की गीता का, ये सागर है
भक्ति रस की ही, ये गागर है
गीता ध्यान धर, तन को जो छोड़े
कृष्ण को लेने, आना ही होगा
कृष्ण कनैया…..
11
जल में थल में, और गगन में
अंतरिक्ष में अग्नि, और पवन में
वन उपवन और, जड चेतन में
उपदेश वचन, तन और मन में
तू ही बसा है, जग कण कण में
विश्व तुझको चलाना ही होगा
कृष्ण कनैया…..
12
ज्योति में सूर्य, नक्षत्र में चन्द्र
वेदों में सामवेद, देवो में इंद्र
रूद्र एकादश में, तू शंकर
धन का स्वामी भी, तू है कुबेर
वसुओ में अग्नि, पर्वतो में सुमेरु
ज्ञान गीता से ये, पाना पड़ेगा
कृष्ण कनैया…..
13
वृक्षों में पीपल, ऋषियों में नारद
शस्त्रों में वज्र, विध्या में विवाद
तू ओमकार और, तू ही समय है
मृत्यु भी तू और, तू ही यम है
रचना सबकी, तूने ही की है
गुप्त ज्ञान ये, बताना पड़ेगा
कृष्ण कनैया…..
14
हमको सिखाओ, ज्ञान की बाते
कैसे उगे दिन, क्यूं होती है राते
कौन है इनको, निश दिन चलाता
कैसे घुमे धरा, कौन है घुमाता
रिश्ते ये सारे क्यूं, जग में है बनते
छोड़ इन्हें क्यों, जाना पड़ेगा
कृष्ण कनैया…..
15
आठो याम भज, तू मन में गीता
भक्ति रस जो, है इसका पिता
समता त्याग, ये है सिखाती
शास्त्र सकल ही, ये है बताती
जय गीते जय, भगवद गीते
धून ये मन से, गाना पड़ेगा
16
निश्छल भक्ति, निर्मल मलहारी
राग मिटाती जो, है ये सुखकारी
अभी समय है तू, सुमिरन कर ले
हो जाएंगे तेरे, जीवन में सवेरे
सारे तीरथ है, ये चारो धाम
हितेश को दास बनाना पड़ेगा
कृष्ण कनैया…..
Lyrics: Hitesh Choudhary