हर किसी की ज़िंदगी में कुछ ऐसे लोग होते हैं, जो सिर्फ़ हमें पढ़ाते नहीं, बल्कि हमारे सोचने, समझने और आगे बढ़ने के तरीके को ही बदल देते हैं। ऐसे लोग हमारे जीवन में एक गहरा असर छोड़ते हैं, और जब उनका साथ छूटता है—even if temporarily—it feels like an emotional milestone. आज का दिन भी कुछ ऐसा ही है।
हम बात कर रहे हैं उस गुरु की जिन्होंने न सिर्फ़ किताबें पढ़ाईं, बल्कि ज़िंदगी जीने का सलीका सिखाया। आज हम सभी एक ऐसे सम्माननीय शिक्षक को विदाई देने जा रहे हैं, जिनका असर शब्दों से कहीं ज़्यादा गहरा है। इस ब्लॉग में हम उस भावुक पल को साझा कर रहे हैं जब हमने अपने प्रिय सर को उनके रिटायरमेंट (Retirement Speech)के अवसर पर दिल से धन्यवाद कहा।
Retirement Speech for Professor
सभी आदरणीय अतिथिगण, मेरे प्यारे सहयोगियों और विद्यार्थियों,
आज का यह दिन मेरे जीवन के सबसे भावुक और गर्व से भरे पलों में से एक है। एक ऐसा पल जहाँ खुशी और विरह की अनुभूति एक साथ हो रही है। जी हाँ, आज मैं अपने प्यारे गुरु, मार्गदर्शक और हम सबके प्रिय प्रोफेसर सर को उनकी सेवानिवृत्ति पर विदाई देने के लिए खड़ा हुआ हूँ।
सर, आपने न सिर्फ़ हमें किताबी ज्ञान दिया, बल्कि जीवन के वो मूल्य सिखाए जो हमेशा हमारे साथ रहेंगे। आपकी कक्षा सिर्फ़ एक पढ़ाई का कमरा नहीं, बल्कि ज्ञान, हँसी और प्रेरणा का मंदिर थी। आपके पढ़ाने का अंदाज़, आपकी विनम्रता और छात्रों के प्रति आपका स्नेह—ये सब हमारे दिलों में हमेशा जीवित रहेंगे।
आपने हमें सिखाया कि सफलता सिर्फ़ डिग्रियों में नहीं, बल्कि चरित्र, ईमानदारी और दूसरों की मदद करने में है। आपके जैसा शिक्षक सदियों में एक बार मिलता है, और हमें गर्व है कि हम आपके छात्र रहे।
सर, यह विदाई सिर्फ़ एक संस्था से है, हमारे दिलों से नहीं। हम आपको हमेशा याद करेंगे और आशा करते हैं कि आप अपने इस नए चरण में खुशी, स्वास्थ्य और शांति पाएँ। आपके लिए हमारा प्यार और सम्मान हमेशा बना रहेगा।
धन्यवाद, सर… आपके मार्गदर्शन के लिए, आपके प्यार के लिए और वो अमूल्य सबक़ के लिए जो आपने हमें दिए। हम सबकी ओर से आपको ढेर सारी शुभकामनाएँ!
प्रोफेसर साहब के लिए यादगार विदाई भाषण Retirement Speech
सभी सम्मानित शिक्षकगण, मेरे प्यारे साथियों और प्रिय विद्यार्थियों,
आज का यह पल मेरे लिए अत्यंत विशेष है—एक ऐसा क्षण जहाँ दिल गर्व से भरा है, पर आँखें कृतज्ञता के आँसुओं से भीगी हुई हैं। क्योंकि आज हम सब एक ऐसे व्यक्तित्व को विदाई दे रहे हैं जिन्होंने न सिर्फ़ पढ़ाया, बल्कि जीवन जीने की कला सिखाई। जी हाँ, हमारे प्यारे प्रोफेसर [नाम] सर, आज आपके हाथों में फूलों का गुलदस्ता नहीं, बल्कि हम सबके दिलों का प्यार है।
सर, आप सिर्फ़ एक शिक्षक नहीं, बल्कि ज्ञान के वो धनी थे जिनकी हर बात दीपक की लौ की तरह हमारे मन को रोशन कर देती थी। आपकी कक्षाएँ कभी रट्टा-मार पाठ नहीं होती थीं, बल्कि वो तो जीवन के सच्चे सबक थे—जहाँ किताबी पन्नों से आगे बढ़कर आपने हमें इंसानियत, साहस और सच्चाई का पाठ पढ़ाया।
आपका हर एक लेक्चर किसी कहानी की तरह होता था—जहाँ विज्ञान के सूत्र भी कविता बन जाते थे, और गणित के समीकरण जीवन के अनसुलझे सवालों के जवाब। आपने हमें सिखाया कि “शिक्षा” सिर्फ़ नंबरों का खेल नहीं, बल्कि समाज की रीढ़ है। और आप खुद इसी रीढ़ के सबसे मजबूत हिस्से रहे।
आज जब आप इस संस्था से विदा हो रहे हैं, तो हम सबकी एक ही प्रार्थना है—कि आपका यह नया सफर पहले से भी ज्यादा खुशियों से भरा हो। आपके लिए हमारा प्यार कभी कम नहीं होगा, क्योंकि गुरु तो वो सूरज होता है जो चले जाने के बाद भी अपनी रोशनी छोड़ जाता है।
धन्यवाद, सर… हमें अपना बनाने के लिए, हमें सही राह दिखाने के लिए। हम सबकी तरफ़ से आपको ढेर सारी शुभकामनाएँ! “गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः” आप हमारे लिए सब कुछ रहे हैं।
हमेशा याद रखेंगे आपको!