राजनीतिज्ञ भाषण देना बहुत ही जिम्मेदारी का काम होता है, क्योकि इसमें जरा सी चूक आपके कॅरिअर को धूमिल कर सकता है, आपकी छवि को ख़राब कर सकता है, लेकिन हमें भाषण इस तरह से देना होता है जिससे आपके पद पे कोई आंच न आए और आपका भाषण लोगो के दिलो में बस जाए.
हर किसीका 15 August भाषण देने का तरीका अलग होता है, कोई इतिहास की बात करता है तो कोई फ्यूचर की बात करता है, कोई टेक्नोलॉजी से खुद को जोड़ता है तो कोई एजुकेशन से जुडी बात करता है, तो भाषण कई प्रकार के हो सकते है.
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नेता ऐसे दे भाषण
मैं यहाँ आया नहीं हूँ, मुझे बुलाया गया है
मैं तो एक सेवक हूँ, नेता का टेग तो लगाया गया है
भारत माता की जय के साथ अपनी बात कहूँगा दोस्तों
ये नारेबाजी ये हुजूम, ये वाह वाही किसलिए है
है अगर इतनी ख़ुशी यहाँ, तो वहां गरीबी किसलिए है
है अमन और चैन यहाँ, गुलो गुलजार ये शहर है
तो फिर मुझे बताओ, अखबारों में वो तबाही किसलिए है
मेरे प्यारे साथियो, एक जगह ख़ुशी और दुसरे जगह गम हो तो उसे उत्सव नहीं कहते, मैं उतसव तभी मानूंगा जब मेरा देश का हर नागरिक चैन से जिए, मैं हर एक हिन्दुस्तानी को स्वस्थ देखना चाहता हु, शिक्षित देखना चाहता हूँ
लोग कहते है की भारत आगे बढ़ रहा है, दुनियां में झंडे गाड रहा है, तो ये बेरोजगारी क्यूँ है,
ये मुरझाए हुए चेहरे जो अपनी कहानी खुद कहते है, ये क्या है ये भुखमरी, क्यों है
मैं तभी सफल मानूंगा इस अभियान को जब हर किसी का पेट भरा हो, सर पे छत हो
मेरे दोस्तों कहने को तो पुरे दिन भी कह सकता हूँ, मगर समय की पाबन्दी मुझे रोक रही है, इसलिए दो शब्दों में बात समाप्त करूँगा की
एक विचार जो मन में उठा, आओ उसे कोई रूप दे
कृतिमता से आगे बढ़कर, सच्चा हम स्वरूप दे
रोजगार शिक्षा का हम, सबको ही अधिकार दे
अंधेरो को दूर कर के, विद्या की सुनहली धुप दे
अतिथि सम्मान स्वागत शायरी Welcome Shayari
जय हिन्द दोस्तों, अतिथि का स्वागत कैसे करें, क्या बोले अतिथि आगमन पर, और कैसे उनका सत्कार करे, सम्मान करे, आइये आगे बात करते है
भीड़ इतनी है मगर हमने, तुम्हे पहचान लिया है
एक पल को मिली नजरें, हमने तुम्हे जान लिया है
आए हो आप तो झूम उठे, ये सारे रंगीन नज़ारे
दिल हमारा भी खुश हुआ, जब हमने आपका नाम लिया है
तो जोरदार तालियों के साथ स्वागत कीजिए, आ गए है हमारी महफ़िल में, — जो भी नाम हो आप नाम ले सक्ते है —
देशप्रेम की बाते करने, देशभक्त ही आते है
फूल हार तुम रहने दो, लहू से राहे सजाते है
ये धरती नहीं ये स्वर्ग है, भारत माता जननी है
झुके नहीं जो शीश कहीं, हम सर को यहाँ झुकाते है
इस तरह की शायरी से भाषण को जबरदस्त बनाए, धन्यवाद
मंच को हिला डालो इस भाषण से Desh bhakti
मंच पे एंकरिंग करने जा रहे हो तो बहुत ही सही जगह पे आए हो दोस्त, ये शायरी आप अपने मंच संचालन में जरुर शामिल करना, आपका अंदाज उभर कर आएगा, दिलो की गहराई में जब बात पहुचेगी तो, हाथ अपने आप उठेंगे ताली बजाने को
सूरज उगा है अमन का, हवा अहिंसा वाली है
गुलशन खिलाया फिर से, जाग उठा माली है
हो दुश्मनी या दोस्ती, ये अब तू ही तय करेगा
हमारी नजर तो हमेशा, यार मोहब्बत वाली है
और इसी जोश को आगे बढ़ाने के लिए एक और दिल की बात दिलो तक पहुचाता हूँ
खूने होली रंगे पिचकारी के, मंजर बहुत देखे है
वतन पे मरने वालो के, तेवर हमने सीखे है
अब और नहीं है शौक हमें, अपना सब गंवाने का
हलक में हाथ डालके हक़, लेने अपने सीखे है