नाग पंचमी (Nag panchami )हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्राचीन त्योहार है, जो श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। इस दिन विशेष रूप से नाग देवता की पूजा की जाती है, जो सांपों के राजा माने जाते हैं। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला यह त्योहार मुख्यतः भारत के विभिन्न राज्यों में हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है।
नाग पंचमी का पर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्रकृति और जीव-जंतुओं के प्रति हमारी आस्था और प्रेम का भी प्रतीक है। इस दिन नागों की पूजा करके हम अपने परिवार की सुख-शांति और सुरक्षा की कामना करते हैं। नाग पंचमी की कहानी हमें सिखाती है कि कैसे प्रेम, माफी और आस्था से हम सभी संकटों से उबर सकते हैं।
इस लेख में हम नाग पंचमी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों पर चर्चा करेंगे, जिसमें नाग पंचमी की कहानी, पूजा विधि, मंत्र, इसका इतिहास, और किन-किन राज्यों में इसे विशेष रूप से मनाया जाता है, शामिल हैं। आइए, इस पवित्र त्योहार की अद्भुत दुनिया में एक नजर डालें और समझें इसके धार्मिक महत्व को।
नाग पंचमी क्या है?
नाग पंचमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसमें नाग देवता की पूजा की जाती है। यह त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से नाग देवता को दूध अर्पित किया जाता है और उनकी पूजा की जाती है।
नाग पंचमी की कहानी
नाग पंचमी से जुड़ी एक प्रसिद्ध कहानी है। एक बार एक किसान के दो बेटे थे। उनके खेत में कई नाग रहते थे। एक दिन बड़े बेटे ने खेत में काम करते समय एक नागिन को मार डाला। जब नागिन का पति घर लौटा तो उसने नागिन को मरा हुआ पाया और बदला लेने का निर्णय लिया।
अगले दिन उसने किसान के बड़े बेटे को डस लिया जिससे उसकी मृत्यु हो गई। नाग ने किसान के छोटे बेटे को भी मारने की योजना बनाई। लेकिन किसान के छोटे बेटे ने नाग की पूजा की और नाग से माफी मांगी। नाग ने उसे माफ कर दिया और उसे आशीर्वाद दिया। तब से नाग पंचमी का त्योहार नाग देवताओं की पूजा के लिए मनाया जाता है।
पूजा विधि
- स्नान और शुद्धिकरण: सुबह-सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा की तैयारी: पूजा स्थल को साफ करें और एक साफ कपड़ा बिछाकर पूजा सामग्री रखें।
- नाग प्रतिमा: अगर नाग देवता की मूर्ति या चित्र उपलब्ध हो तो उसे पूजा स्थल पर रखें।
- दूध और हल्दी: नाग प्रतिमा या चित्र पर दूध, हल्दी और चंदन अर्पित करें।
- फूल और धूप: नाग देवता को फूल, धूप और दीप अर्पित करें।
- मंत्र: नाग पंचमी के विशेष मंत्रों का जाप करें। जैसे, “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ नागदेवाय नमः”।
- भोग: पूजा के बाद नाग देवता को दूध और लड्डू का भोग अर्पित करें।
- आरती: अंत में नाग देवता की आरती करें और प्रसाद बांटें।
मंत्र
“ॐ नमः शिवाय”
“ॐ नागदेवाय नमः”
इतिहास
नाग पंचमी का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा है। हिंदू धर्म में नागों का विशेष महत्व है। पुराणों और महाभारत में नागों का वर्णन मिलता है। नागों को धन, समृद्धि और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करके लोग अपने परिवार की सुरक्षा और खुशहाली की कामना करते हैं।
किन-किन राज्यों में मनाया जाता है?
नाग पंचमी पूरे भारत में मनाई जाती है, लेकिन कुछ राज्यों में इसका विशेष महत्व है। जैसे:
- महाराष्ट्र: यहां नाग पंचमी बहुत धूमधाम से मनाई जाती है।
- उत्तर प्रदेश: यहां लोग नाग देवता की पूजा करते हैं और नाग मंदिरों में जाते हैं।
- बिहार: बिहार में नाग पंचमी को खास महत्व दिया जाता है और इस दिन नाग पूजा की जाती है।
- पश्चिम बंगाल: यहां भी नाग पंचमी को धार्मिक उत्साह के साथ मनाया जाता है।
- कर्नाटक: यहां लोग नाग पंचमी के दिन नाग देवता की विशेष पूजा करते हैं।
धार्मिक आस्था
नाग पंचमी हिंदू धर्म में धार्मिक आस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य नाग देवताओं को प्रसन्न करना और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना है। नागों को भगवान शिव का अनुचर माना जाता है, इसलिए उनकी पूजा से भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं। नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करके लोग अपने जीवन से सभी प्रकार के संकट और विपत्तियों को दूर करने की कामना करते हैं।