दोस्तों शिवरात्रि रामायण (Ramayan) महासम्मेलन के इस अवसर पर ये स्क्रिप्ट आपके काम को सुगम करेगी इसी आशा के साथ ये स्क्रिप्ट लिखी है, इसमें दिए गए स्टेप अगर आपके कार्यक्रम के अनुसार न हो तो आप इसमें बदलाव कर सकते है, और स्टेप को आगे पीछे कर सकते है, साथ ही कोई भी चीज घटा बढ़ा सकते है.
एंकरिंग स्क्रिप्ट का काम होता है की हमें एक तरह से एक रुपरेखा मिल जाती है, जिसको देखकर हम उसमे अपने कार्यक्रम के अनुसार चंजेज कर सके, स्क्रिप्ट आपकी सहायता करती है न की आपको शब्द टू शब्द बोलने के लिए दी जाती है, आप अगर आपके लिए पर्सनल स्क्रिप्ट लिखवाते है तभी ये संभव हो सकता है.
शिवरात्रि रामायण महासम्मेलन एंकरिंग शुभारंभ
(मंच पर प्रवेश करते हुए)
नमस्कार आदरणीय अतिथिगण, विद्वान आचार्यगण, समस्त भक्तजन और हमारे प्रिय दर्शको, आज का ये पावन पुनीत दिन और ये पावन अवसर है महाशिवरात्रि का, जब शिव और शक्ति का अदित्य संगम होता है.
आज के इस पूण्य अवसर पर हम सब यहाँ एकत्रित हुए है रामायण महासम्मेलन में, जहाँ श्रीराम के आदर्श, शिव की भक्ति व शक्ति और जीवन की दिव्यता का गुणगान होगा.
(श्रोताओ की तरफ मुस्कुराते हुए देखे)
आज की इस रात को भक्ति, श्रद्धा और रामकथा की रसधार से सजाने के लिए, यहाँ पर विद्वान गुरुवर मौजूद है, वो अपनी कथा शुरू करे इससे पहले आइये हम भगवान शिव का स्मरण करें.
“ॐ नमः शिवाय!”
सभी मिलकर बोलें,
“ॐ नमः शिवाय!”
(सभी से बोलने का आग्रह करें)
दीप प्रज्वलन
जय श्री राम जय शिव शंकर भोलेनाथ, अब इसी के साथ मैं आग्रह करूँगा हमारे मुख्य अतिथि जी को की वे मंच पर पधारे और दीप प्रज्वलन कर इस कार्यक्रम का शुभारंभ करें, तो जोरदार तालियों के साथ मंच पर पधार रहे है माननीय ……… और विद्वान आचार्य जी श्री……..
बहुत ही शुभ घडी है आज की और इस पावन बेला में ये पल सोने पे सुहागा है
बहुत ही कम लोगो को ये पल मिलता है
होती है जिसपे शिव कृपा वो फल चखता है
दीप प्रज्वलन सिर्फ दीपक को जलाना भर नहीं है, बल्कि ये हमें सिखाता है की जिंदगी में चाहे कितने भी दुःख दर्द मिले, घबराना नहीं है, हमें अपने जीवन में भी इसी तरह उम्मीदों और हौसलों का प्रकाश फैलाते रहना चाहिए.
“ॐ दीपज्योतिः परब्रह्म, दीपज्योतिर्जनार्दनः।
दीपो हरतु मे पापं, दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते॥”
सरस्वती वंदना
दीप प्रज्वलन से जिस तरह ये प्रकाश फैला है, आइये हम भी शिव भक्ति का प्रकाश अपने अंतर्मन में फैलाये और बैर भाव और इर्ष्या को दूर करे, अब मैं मंच पर आमंत्रित करने जा रहा हूँ, ………. श्री को जो मंच पर आकर माँ सरस्वती की वंदना अपनी मधुर आवाज के साथ करेंगे.
(वंदना के बाद)
बहुत बहुत धन्यवाद जो आपने हमें माता सरस्वती की इतनी सुन्दर वंदना सुनाई, दोस्तों अभी कार्यक्रम बस शरू ही हुआ है, आगे जैसे जैसे कार्यक्रम बढेगा तो इसमें आपको और भी मजा आएगा.
मुख्य वक्ता का परिचय
मित्रो, आज की इस पावन रात्री में हमारे बिच मौजूद है रामयाण के महान ज्ञाता और प्रवक्ता, आदरणीय ……… जी.
इनका जीवन राम भजन और राम गुणगान को ही समर्पित है, श्री राम जी के आदर्शो को जन जन तक पहुचाने के लिए इन्होने अपना जीवन समर्पित कर दिया है इस कार्य के लिए, तो आइये आपके बिच आ रहे है परम गुणी …….. जी, जोरदार तालियों और श्री राम जी की जय से गूंजा दो आज इस प्रांगण को, आइये स्वागत करें.
रामायण कथा प्रारंभ
रामायण कोई काल्पनिक कहानी या मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि ये हमें एक आदर्श इंसान बनाने के लिए एवं सत्य पर चलने के लिए प्रेरित करता है, दोस्तों रामायण में जो किरदार है वो हमें हर मोड़ पर अनमोल बातें सिखा जाते है.
अब मैं आदरणीय …….. जी से निवेदन करूँगा की वो हमें श्री रामचरितमानस के अद्भुत प्रसंगो को सुनाकर इस ज्ञान गंगा को पिने के लिए लाभान्वित करें.
(जैसे जैसे कथा आगे बढती जाए, उसे आसन भाषा में श्रोताओ को समझकर बताए और उन्हें थोड़ी थोड़ी देर में जयकारा लगाने व ताली बजाने के लिए कहे, ताकि वो इस कथा से जुड़े रहे.)
कथा समाप्ति के बाद
भजन संध्या
जैसा की मैं देख पा रहा हूँ, आप सभी ने बहुत ही दिल से कथा को सुना और व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग किया, मैं तहेदिल से आप सभी का धन्यवाद करता हूँ, और अब आपके सामने आरम्भ होने जा रही है रस की ऐसी धारा, जो आपको भक्ति रस में डुबो देगी.
अब भजन संध्या का आगाज होने जा रहा है जहाँ एक से एक भजनों की कतार आपकी प्रतीक्षा कर रही है, तो अब देर न करते हुए मंच पर आमंत्रित करता हूँ सुप्रसिद्ध भजन गायक …….. जी को, जो इस रात को शिवमय बनाएंगे, जोरदार तालियों के साथ स्वागत करें.
सम्मान समारोह
दोस्तों, इस शिवरात्रि के अवसर पर हमारे मुख्य अतिथि श्री………. जी से निवेदन करूँगा की वो आए और आज की इस शिव रामायण सम्मलेन पर अपने दो शब्द कहे. तालियाँ रुकनी नहीं चाहिए.
संदेश के बाद
धन्वाद, आपकी प्रेरणादायक बातों और आपके प्रेम ने हमारे दिलो को छू लिया है, अब मैं आयोजको से निवेदन करूँगा की वो मंच पर आए और हमारे विद्वानों, कलाकारों और अतिथियों का यथोचित सम्मान करें.
कार्यक्रम का समापन
मित्रो आज की रात भगवान शिव और श्री राम की महिमा से भरपूर रही, यह आज का महासम्मेलन हमें सिखाता है की धर्म, भक्ति और कर्म का मार्ग ही जीवन को सार्थक बना सकता है.
इस अद्भुत रात और कार्यक्रम के समापन पर आप सभी का फिर से एक बार दिल से धन्यवाद, सभी गुरुवर विद्वान और कलाकारों को तहेदिल से धन्यवाद, और चलते चलते कहना चाहूँगा की अगली बार अगले साल फिर मिलेंगे, तब तक के लिए जय श्री राम, हर हर महादेव.