दोस्तों हर साल 1 दिसम्बर को वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है, ये दिन इसलिए मनाया जाता है ताकि लोगो में जागरूकता हो और लोग एड्स यानि की HIV के बारे में जान पाए, AIDS के बारे में आज भी कोई खुलकर चर्चा नहीं करता है और यही कारण है की लोग इस बिमारी को छुपाते है और नुकसान उठाते है, जरुरी नहीं है की किसी गलत संगत की वजह से ही एड्स हो, ये और किसी कारण से भी हो सकता है लेकिन लोग बदनामी की वजह से इसे छुपाते है और अपनी जान गवां बैठते है.
कोई भी कार्यक्रम हो जहाँ पर आप एंकरिंग करने वाले हो तो उस विषय की जानकारी जरुरी है और आज सबसे पहले वो ही जानकारी आपको साझा करवा रहा हूँ, HIV यानि की ह्यूमन इन्युनोड़ेफिशिअंसी वायरस को ही एड्स कहते है, एक ऐसी बीमारी जो इंसान की रोग प्रतिरोधक शक्ति को कमजोर कर देता है, World Aids Day की शुरुआत 1988 में हुई थी और आज इस दिन को मनाकर समाज में जागरूकता फैलाई जा रही है, तो चलिए शुरू करते है.
वर्ल्ड एड्स डे कार्यक्रम की शुरुआत
शुरुआत हमेशा नमस्कार से होती है, लोगो में उर्जा भरना और माहौल को उत्साह से भर देना ही एक सफल एंकर का काम होता है, तो शुरू कुछ इस तरह से करें. की,
नमस्कार दोस्तों, आदरणीय मुख्य अतिथि, विशेस अतिथि और प्रिय दर्शको, आज का दिन बहुत खास है क्योकि ये दिन किसी की जिंदगी बचा सकता है अगर इसे ढंग से समझ लिया जाए, तो क्यों न आज के इस विशेष दिन के बारे में थोडा जान लिया जाए.
1 दिसंबर को हम सभी वर्ल्ड एड्स डे के रूप में मनाते है, इस दिन को मनाने का उद्देश्य है समाज में जागरूकता फैलाना, और इस बिमारी को जड़ से समाप्त करना, तो क्या आप इस मानवीय कार्य को करने के लिए उत्सुक है.
वाह, बहुत खूब आपकी गर्मजोशी देखकर लगता है की हम इस मिशन में जरुर कामयाब होंगे, इस कार्यक्रम को शुरू करने से पहले मैं अपने मुख्य अतिथि एवं सभी आयोजन कर्ताओं से अनुरोध करूँगा की वो मंच पर आए और दीप प्रज्वलन कर, कार्यक्रम को आगे बढाए, तो जोरदार तालियों से स्वागत करें.
वर्ल्ड एड्स डे दीप प्रज्वलन
हमारी भारतीय संस्कृति में हर एक शुभ कार्य की शुरुआत हम माँ सरस्वती की प्रार्थना और दीप प्रज्वलन से करते है, ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की कृपा के बिना हर कार्य अधुरा है तो आइये इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए माँ की वंदना करें, और जो अज्ञानता और भ्रान्तिया HIV के बारें में फैली है उन्हें दूर करने का संकल्प ले.
(दीप प्रज्वलन के बाद)
ये दिन सिर्फ यहाँ एकत्र होकर बात करने का नहीं बल्कि ये सोचने का है की HIV की इस खतरनाक जंग में हम कैसे अपना योगदान दे सकते है, आज के इस कार्यक्रम में हमारे बिच कई ऐसे वक्ता मौजूद है जो इस विषय पर रौशनी डालेंगे, और अपने ज्ञान को साझा करेंगे.
हमारे आज के मुख्य अतिथि डॉ. हितेश चौधरी भी यहाँ पर मौजूद है जो पिछले कई वर्षो से HIV एड्स की रोकथाम के लिए कार्य कर रहे है, और लोगो में जागरूकता फैला रहे है, सिर्फ देश ही नहीं विदेशो में भी अपनी उपस्तिथि दर्ज करवा चुके है तो, आइये उन्ही से जानते है आगे, डॉ. हितेश चौधरी जी का जोरदार तालियों से स्वागत करें उन्हें मंच पर आमंत्रित कर रहे है.
(डॉ. साहब के भाषण के बाद)
बहुत बहुत धन्यवाद डॉ. साहब आपने जो आज ज्ञान का प्रकाश फैलाया है इस मंच से, वो लोगो में जरुर जागरूकता लाएगा और इस समस्या से निजात दिलाने में आप की बताई हुई बाते जरुर काम आएगी.
अब इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए हमारे सामने मंच पर आ रहे है हमारे युवा कलाकार जो एड्स के ऊपर एक नाटक प्रस्तुत करेंगे जिससे आपको इसे समझने में और भी आसानी होगी, तो स्वागत करते है उनका जोरदार तालियों के साथ.
(नाटक के बाद)
दोस्तों, हर समस्या का समाधान होता है और आज का ये नाटक हमें सिखाता है की जिंदगी में कुछ भी हो जाए लेकिन हमें हार नहीं माननी चाहिए, एक बार फिर से धन्यवाद करूँगा हमारे युवा कलाकारों का जिन्होंने इतनी खूबसूरती से ये समझाया की जिंदगी कितनी कीमती है इसे ऐसे ही गवाना नहीं चाहिए.
अब हमारे एक और साथी आपको एक सच्ची कहानी सुनाने स्टेज पर आ रहे है जो कहानी आपको सोचने पर मजबूर कर देगी, तो आइये उन्हें आमंत्रित करते है.
(दोस्तों, मुझे आशा है की ये स्क्रिप्ट आपके जरुर काम आएगी और अगर इसको और भी विस्तृत रूप से स्क्रिप्ट पाना चाहते है तो हमसे संपर्क करें, बहुत ही कम कीमत पर इसकी पीडीऍफ़ आपको उपलब्ध करवाई जाएगी, धन्यवाद.)